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सेवायें

हमारे वेद कहते हैं कि "मातृ सर्वभूतानाम गावः", गाय माताओं की माता है क्योंकि इसमें सम्पूर्ण का मानवता का पोषण करने क्षमता है। पूज्य दीपक जी महाराज कहते हैं, “गावो विश्वस्य मातरः अर्थात् गाय जगत की माता है। गाय धर्म, समाज, जाति या पंथ की परवाह किए बिना सभी का पोषण करती हैं और उनकी देखभाल करती हैं। लेकिन बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है कि आज हमारी गौमाता असहाय बेसहारा, भूखी और बीमार अवस्था से गुजर रही है। गौमाता कि ऐसी दुर्दशा देखकर भी अगर हम उनकी रक्षार्थ कोई कदम नहीं उठाते तो हम कृष्ण भक्त होने का दावा भला कैसे कर सकते है। गौमाता के दर्द से आहत होकर ही पूज्य दीपक जी महाराज ने एक गौशाला कि स्थापना की.

हमारा उद्देश्य असहाय बेसहारा गौमाता को आश्रय उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करना है। परम पूज्य दीपक जी महाराज की अध्यक्षता में "श्री दुधलेश्वर गौ सेवा संस्थान एवं अध्यात्म उन्नति केंद्र " ने इस दिशा में पहल करते हुए गौशाला की स्थापना की । .

हमारा मुख्य उद्देश्य हैं:-

  • गायों को गौशाला में रखकर उनकी सेवा करना और अनुकूल वातावरण, उचित चारा और उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करना
  • हमारे गौ-माता-गोवंश को समूचे राष्ट्र में शांतिपूर्वक और सौहार्दपूर्ण ढंग से निवास करने के हमारे प्राथमिक कर्तव्य को पूरा करने और गोहत्या के कलंक को दूर करने के लिए की गई है। दुनिया भर में गाय के महत्व को 'सबकी मां' के रूप में स्थापित करना ही हमारा उद्देश्य हे।
  • असहाय और बेसहारा गौमाताओं की पूरी देखभाल करना।
  • हमारी पवित्र गाय को बचाने और बचाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना।
  • कत्लखानों में गायों को मारे जाने से बचाने के लिए और उन्हें एक बार फिर से बसाने के लिए सतत प्रयासरत ।
  • गाय के दूध, मक्खन, दही और घी के लाभों और शाकाहारी होने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए।

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बृद्ध आश्रम (अनुभवजन आश्रम )

"नर की सेवा ही नारायण की सेवा है" के भाव से बेसहारा निराश्रित अशक्त बृद्ध जनों को आश्रय प्रदान करने के पावन संकल्प के साथ एक "बृद्ध आश्रम" का निर्माण कार्य शुरू किया जा चूका है, जिसके द्वारा शीघ्र ही सेवा कार्य प्रारम्भ हो जायेगा

कन्या विवाह यज्ञ

समाज में कन्या भ्रूण हत्या रुपी पाप को रोकने की दिशा में पूज्य दीपक जी महाराज के द्वारा सेवा क्रम का अगला पड़ाव "कन्या विवाह यज्ञ" है जिसके अंतर्गत निर्धन कन्याओं के विवाह की सेवा हमारा संकल्प है।

संस्कृत विद्यालय (गुरुकुल )

देवभाषा संस्कृत के उत्थान एवं प्रसार के लिए सेवा यात्रा के तहत आगामी समय में एक संस्कृत विद्यालय का निर्माण विचाराधीन है, पूज्यश्री का ऐसा मानना कि आजकल इस प्रकार के विद्यालय बहुतायत में हैं जहाँ से हमारे बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर चार्टर्ड अकाउंटेंट बनकर तो निकलते हैं परन्तु पूज्य श्री का स्वप्न मां सरस्वती के एक ऐसे मंदिर निर्माण का है जहाँ से लोग मानवता का पाठ पढ़कर एक सही मायने में सच्चे मानव बनकर समाज की सेवा करें